पाया तो कुछ भी नहीं खोया बहोत कुछ.. हर कोई पाने की तमन्ना करता है खोने की नही.. पाया तो कुछ भी नहीं खोया बहोत कुछ.. हर कोई पाने की तमन्ना करता है खोने की नही...
हर दिन हम सब कुछ जानकर भी कुछ नहीं जान पाते...इसी जानने और पहचानने की कोशिश है ये छंद मुक्त अभिव्... हर दिन हम सब कुछ जानकर भी कुछ नहीं जान पाते...इसी जानने और पहचानने की कोशिश ह...
तू बता खुद ही जवाब होकर मेरी मुहब्बत का क्यूँ सवाल किया तुझको पता है, दिल की दुनिया म तू बता खुद ही जवाब होकर मेरी मुहब्बत का क्यूँ सवाल किया तुझको पता है, दिल की ...
खुद को खुद से खींच रहा हूं भीगी पलकें मींच रहा हूं। खुद को खुद से खींच रहा हूं भीगी पलकें मींच रहा हूं।
फिर एक पल ऐसा आया, जब अपने सभी बने बेगाने। सूनी हो गई मेरी दुनिया, और लगी मैं आँसू बहा फिर एक पल ऐसा आया, जब अपने सभी बने बेगाने। सूनी हो गई मेरी दुनिया, और लगी मैं...
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं हवा चले न चले दिन पलटते रहते है-------गुलज़ार खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं हवा चले न चले दिन पलटते रहते है-------गुलज़ा...