हिन्दीकविता hindikavita क्या खोया क्या पाया अपना था वे मिला और जो अपना था ही नही वे ना मिल पाया #ज़िंदगी क्या है कुछ #ख्याल कुछ #हक़ीकत कुछ #ख्वाहिशें #और कुछ भी नहीं कुछ नहीं भी कुछ खोया कुछ पाया हमने कभी धूप कहीं छांव मन का भवन दुनिया खोया पाया जीवन

Hindi पाया बहोत कुछ और खोया भी बहोत Poems